परपेचुआ की कहानी
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Серия Torchlighters
यह कार्थेज, उत्तरी अफ्रीका में वर्ष 203 ई. है। परपेचुआ, जो एक संपन्न युवा माँ है, पर ईसाई धर्म (मसीहियत) में परिवर्तित होने का आरोप लगाया जाता है और उसे उसके बच्चे के बिना जेल भेज दिया जाता है। वह आसानी से आजाद हो सकती है, यदि वह रोमन देवताओं के सम्मान में बस एक चुटकी धूप चढ़ाती है। उसका फैसला क्या होगा? परपेचुआ की डायरी शरुआती चर्च की सबसे प्रभावशाली, सच्ची कहानियों में से एक को दर्शाती है। नई पीढ़ी के साथ परपेचुआ की कहानी साझा करें!